दुबई में गूंजे भारतीय लोकगीतों के स्वर: गोरखपुर की अनन्या सिंह को इंटरनेशनल अचीवर्स अवार्ड 2025 से नवाजा गया

दुबई में गूंजे भारतीय लोकगीतों के स्वर: गोरखपुर की अनन्या सिंह को इंटरनेशनल अचीवर्स अवार्ड 2025 से नवाजा गया

International Achievers Award 2025

नई दिल्ली। 15 जून 2025 की शाम दुबई के एक भव्य मंच पर ऐतिहासिक क्षण रचा गया, जब दुनियाभर से आईं विशिष्ट प्रतिभाओं को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए International Achievers Award 2025 से सम्मानित किया गया। इस गरिमामय आयोजन में न केवल भारत, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, यूएई और सिंगापुर जैसे देशों से आए प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य था- मेहनत, लगन और समर्पण को वैश्विक पहचान देना और प्रेरणास्रोतों को एक मंच पर लाना।

इसी कड़ी में भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर शहर से ताल्लुक रखने वाली मशहूर लोकगायिका अनन्या सिंह को भी संगीत क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार भारतीय लोकसंस्कृति के संरक्षण, सामाजिक जन-जागरूकता और पारंपरिक लोकगीतों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रदान किया गया।

अनन्या सिंह: भारतीय लोकसंस्कृति की वैश्विक राजदूत

अनन्या सिंह पिछले एक दशक से लोकगायन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने भोजपुरी, अवधी, ब्रज और मैथिली जैसी भाषाओं में सैकड़ों पारंपरिक गीतों को न केवल रिकॉर्ड किया, बल्कि इन्हें डिजिटल मंचों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अंतरराष्ट्रीय समारोहों के जरिए दुनिया भर में पहुंचाया।

उनके गीत नारी सशक्तिकरण, सामाजिक एकता, ग्रामीण चेतना और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर आधारित होते हैं। अनन्या का मानना है कि “लोकगीत सिर्फ मनोरंजन नहीं, सामाजिक चेतना का माध्यम हैं।”

दुबई में हुआ सम्मान, गोरखपुर में खुशी की लहर

इस सम्मान की घोषणा होते ही गोरखपुर सहित पूरे पूर्वांचल में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके प्रशंसकों, संगीत प्रेमियों और सांस्कृतिक संस्थाओं ने अनन्या सिंह की उपलब्धि को “भारतीय संस्कृति की विजय” बताया है।

अनन्या सिंह ने मंच से अपने संबोधन में कहा…

लोकगायिका अनन्या सिंह ने मंच से कहा, ‘यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं है, यह उस मिट्टी का है जिसमें मैंने जन्म लिया, और उन लोकगीतों का है जो पीढ़ियों से हमारी आत्मा से जुड़े हुए हैं। मैं आज गर्व से कह सकती हूं कि भारतीय संस्कृति की महक अब दुबई के मंचों पर भी महसूस की जा रही है।’

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