उत्तराखंड

धराली में कुदरत का कहर: सिर्फ 34 सेकेंड में तबाही, पूरा गांव मलबे में समाया

Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में प्राकृतिक आपदा ने भयंकर रूप ले लिया है। मंगलवार को उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से तबाही मच गई। केवल 34 सेकेंड में खीरगंगा क्षेत्र में मौत का मंजर छा गया। अचानक आई बाढ़ ने लोगों को संभलने तक का मौका नहीं दिया और कई घर मलबे में समा गए या पानी में बह गए।स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस आपदा में कम से कम चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें मौके पर तैनात हैं और अब तक 130 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है।

मौसम बना चुनौती

धराली और हर्षिल जैसे ऊँचाई वाले इलाकों में लगातार बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी दिक्कतें आ रही हैं। इलाके की सड़कें बह चुकी हैं और मलबे से ढकी हुई हैं। प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए हैं। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जमीन पहले से गीली होने की वजह से मध्यम बारिश भी भूस्खलन और फ्लैश फ्लड का कारण बन सकती है।

इस घटना की कई वीडियो और फोटो सामने आ रही हैं। एक वीडियो में पीडि़त को यह कहते हुए सुना गया कि ‘सब कुछ खत्म हो गया है।’ घटना की कुछ वीडियो में लोग बाढ़ के पानी से अपनी जान बचाने के लिए भागते हुए नजर आ रहें है। इस भीषण तबाही ने 2013 में केदारनाथ में आई जलप्रलय और 2021 की ऋषिगंगा आपदा की भयावह यादें ताजा कर दीं।

सैटेलाइट इमेज और अलर्ट

मौसम एजेंसियों द्वारा जारी सैटेलाइट इमेज में उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम यूपी, बिहार, बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, कर्नाटक और कोंकण-गोवा सहित कई क्षेत्रों में भारी बादल नजर आ रहे हैं। इन इलाकों में अत्यधिक बारिश का खतरा बना हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, क्षेत्र में बना कम दबाव क्षेत्र और कमजोर चक्रवातीय परिसंचरण, ‘ब्रेक मॉनसून’ की स्थिति को जन्म दे रहे हैं जिससे मॉनसून ट्रफ तराई क्षेत्रों में खिसक गया है और बारिश और तेज हो गई है।

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प्रशासन की अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें, सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी अफवाह से बचें।
उत्तरकाशी की यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून का मौसम कितना खतरनाक हो सकता है।

Jyoti Karki

ज्योति कार्की एक युवा पत्रकार हैं जो स्वास्थ्य, महिला और बाल कल्याण की खबरों में विशेषज्ञता रखती हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने मीडिया जगत में अपना कदम रखा है। ज्योति ने हिंदुस्तान, एनडीटीवी और इंडिया टीवी जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों से इंटर्नशिप की है। इसके अतिरिक्त, नोएडा में लोकल रिपोर्टिंग का अनुभव प्राप्त करके उन्होंने जमीनी स्तर की पत्रकारिता की बारीकियों को समझा है।वर्तमान में ज्योति न्यूज इंडिया के साथ रिपोर्टर और कंटेंट क्रिएटर के रूप में कार्यरत हैं। शिक्षा के प्रति उनका जुनून निरंतर बना रहता है और वे डेवलपमेंट जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं। ज्योति डिजिटल मीडिया में भी सक्रिय हैं। वे पॉडकास्ट और वीडियो इंटरव्यू का निर्माण भी करती हैं।

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