उत्तर प्रदेश

गाजियाबाद के पूर्व नगर आयुक्त पर शिकंजा, चार एफआईआर दर्ज – आजम खान के करीबी बताए जाते हैं अल समद

Ghaziabad FIR registered : गाजियाबाद के पूर्व नगर आयुक्त अब्दुल समद पर विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार एफआईआर दर्ज की हैं। अब्दुल समद, जो कभी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के करीबी माने जाते थे, आय से अधिक संपत्ति के गंभीर मामले में फंस गए हैं। विजिलेंस आगरा सेक्टर थाने में दर्ज मामले के अनुसार, उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अपनी वैध आय से कहीं अधिक खर्च किया और इसका कोई संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके।

जानें क्या है पूरा मामला

मामला वर्ष 2022 में शुरू हुआ, जब गाजियाबाद के तत्कालीन नगर आयुक्त अब्दुल समद के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपनी पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की है। इस पर शासन ने तत्काल खुली जांच के आदेश दिए। जांच की जिम्मेदारी विजिलेंस विभाग को सौंपी गई, जिसने कई महीनों तक उनके बैंक खातों, संपत्ति दस्तावेजों और अन्य वित्तीय रिकॉर्ड की गहन जांच की।

आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में केस दर्ज

एसपी विजिलेंस आलोक शर्मा के अनुसार, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अब्दुल समद ने जांच अवधि के दौरान वैध स्रोतों से मात्र 2,62,70,428 रुपये की आय अर्जित की थी, जबकि उन्होंने संपत्ति खरीदने, महंगे खर्च और भरण-पोषण पर कुल 5,59,84,919 रुपये खर्च किए। इस तरह उनके खर्च और आय में 2,97,14,491 रुपये का अंतर पाया गया, जिसे वे साबित नहीं कर सके। मार्च 2025 में विजिलेंस ने इस मामले की अंतिम रिपोर्ट शासन को सौंपी। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि अब्दुल समद ने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है और उनके खर्च के स्रोत संदिग्ध हैं। शासन के निर्देश पर निरीक्षक रवींद्र कुमार दुबे ने विजिलेंस आगरा सेक्टर थाने में उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में केस दर्ज कराया।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान शामिल

अधिकारियों के अनुसार, उनके खिलाफ दर्ज चार एफआईआर में कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी शामिल हैं। अब्दुल समद की संपत्तियों और बैंक खातों की आगे जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने यह धन कहां से और कैसे प्राप्त किया। विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है, क्योंकि अब्दुल समद लंबे समय तक उत्तर प्रदेश के नगर निकायों में अहम पदों पर तैनात रहे हैं और कई प्रभावशाली नेताओं से उनके करीबी रिश्ते बताए जाते हैं। यह मामला आने वाले दिनों में और बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि विजिलेंस उनकी संपत्ति के स्रोतों और संभावित सहयोगियों की भी जांच करने की तैयारी में है।

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Jyoti Karki

ज्योति कार्की एक युवा पत्रकार हैं जो स्वास्थ्य, महिला और बाल कल्याण की खबरों में विशेषज्ञता रखती हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने मीडिया जगत में अपना कदम रखा है। ज्योति ने हिंदुस्तान, एनडीटीवी और इंडिया टीवी जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों से इंटर्नशिप की है। इसके अतिरिक्त, नोएडा में लोकल रिपोर्टिंग का अनुभव प्राप्त करके उन्होंने जमीनी स्तर की पत्रकारिता की बारीकियों को समझा है।वर्तमान में ज्योति न्यूज इंडिया के साथ रिपोर्टर और कंटेंट क्रिएटर के रूप में कार्यरत हैं। शिक्षा के प्रति उनका जुनून निरंतर बना रहता है और वे डेवलपमेंट जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं। ज्योति डिजिटल मीडिया में भी सक्रिय हैं। वे पॉडकास्ट और वीडियो इंटरव्यू का निर्माण भी करती हैं।

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