कैंची धाम
Uttarakhand : उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम का नीम करोली बाबा आश्रम आज देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र बन गया है। यह पवित्र स्थान विशेष रूप से तब चर्चा में आया जब यहां भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स जैसी जैसी हस्तियां बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंची। इनकी यात्रा के बाद से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी गई और अब देश के कोने-कोने से लोग इस पावन धाम में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। आज कैंची धाम का स्थापना दिवस है। आज के दिन आश्रम मेला लगता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कैंची धाम में स्थित नीम करोली बाबा के आश्रम में सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य फल देती है। यहां जाने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जिसके कारण यह स्थान दिन-प्रतिदिन अधिक प्रसिद्ध होता जा रहा है। आश्रम परिसर में हनुमान जी का एक भव्य मंदिर है जिसकी मूर्ति 15 जून 1964 को स्थापित की गई थी।
कैंची धाम जाने के लिए मंगलवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है, हालांकि आप सप्ताह के किसी भी दिन यहां दर्शन कर सकते हैं। मई-जून का समय यहां जाने के लिए आदर्श है क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां गर्मी का अहसास नहीं होता। प्रतिदिन सुबह सात बजे आरती का आयोजन होता है, इसलिए यदि आप रात में पहुंचते हैं तो सुबह की आरती में सम्मिलित हो सकते हैं। विशेष रूप से जून माह में यहां विशाल भंडारा और मेले का आयोजन होता है जो हर साल मनाया जाता है।
दिल्ली से कैंची धाम पहुंचने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। रेल मार्ग से यात्रा करने वाले श्रद्धालु काठगोदाम एक्सप्रेस का सहारा ले सकते हैं जो आपको हल्द्वानी या काठगोदाम तक पहुंचाएगी। वैकल्पिक रूप से, बस सेवा द्वारा भी हल्द्वानी तक की यात्रा की जा सकती है। हल्द्वानी या काठगोदाम से आगे की यात्रा के लिए स्थानीय टैक्सी सेवा का सहारा लेना होगा जो सीधे कैंची धाम तक पहुंचाएगी। निजी वाहन से यात्रा करने वाले श्रद्धालु सीधे कैंची धाम तक जा सकते हैं।
कैंची धाम पहुंचने पर आपको ठहरने के लिए होटल और स्नान आदि की सुविधाएं आसानी से मिल जाएंगी। सुबह की आरती में सम्मिलित होने से पहले स्वच्छता और नहाने का विशेष ध्यान रखें। आश्रम के गेट पर ही आपको चढ़ावे की व्यवस्था उपलब्ध है। मान्यता के अनुसार, मनोकामना पूर्ण होने के बाद श्रद्धालुओं को चने चढ़ाने चाहिए जो बाद में प्रसाद के रूप में बांटते हैं।
कैंची धाम की बढ़ती लोकप्रियता के कारण यहां भीड़ की समस्या हो सकती है, कई बार वाहन पार्किंग की भी कमी हो जाती है। इसलिए यात्रा की योजना बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें और सुबह जल्दी पहुंचने का प्रयास करें। यदि आपकी कोई विशेष मनोकामना है तो पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ इस पावन धाम की यात्रा करें।
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