Noida News : नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने शहर के विकास में एक नया अध्याय शुरू करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। शनिवार को आयोजित 218वीं बोर्ड बैठक में पुराने बहुमंजिला टावरों के पुनर्विकास, पांच और सात सितारा होटलों के निर्माण और रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं में सह-डेवलपर्स की भागीदारी को लेकर अहम फैसले लिए गए। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लखनऊ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया गया। इस बैठक में गौतमबुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी और यमुना एक्सप्रेसवे और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
पुरानी बिल्डिंग के पुनर्विकास को मिली मंजूरी
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लोकेश एम के अनुसार, बोर्ड ने पुरानी और जीर्ण-शीर्ण ऊंची इमारतों के पुनर्विकास की मंजूरी दे दी है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य निवासियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं और आधुनिक अवसंरचना प्रदान करना है। विशेष रूप से सेक्टर 27, 93 और 93ए में स्थित नोएडा प्राधिकरण द्वारा निर्मित पुरानी आवासीय परियोजनाओं का पुनर्विकास किया जाएगा।
फ्लोर एरिया अनुपात में बढ़ोतरी
पुनर्विकास योजना के तहत सहकारी और निजी डेवलपर्स को विशेष सुविधा प्रदान की गई है। पुराने 2 एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) के स्थान पर अब 3.5 फ्लोर एरिया अनुपात का उपयोग करने की अनुमति दी गई है, जिससे अधिक फ्लैट्स का निर्माण संभव हो सकेगा। यदि डेवलपर्स पुनर्विकास के लिए अतिरिक्त एफएआर खरीदने को तैयार हैं तो वे वर्टिकल डेवलपमेंट भी कर सकते हैं। प्राधिकरण जल्द ही इस पुनर्विकास प्रक्रिया के लिए एक विस्तृत रोडमैप जारी करने की तैयारी कर रहा है।
रुकी परियोजनाओं में सह-डेवलपर्स की एंट्री
बैठक में तीन रुकी हुई परियोजनाओं में सह-डेवलपर्स को शामिल करने की मंजूरी दी गई है। इनमें सेक्टर 118 में आईवीआरसीएल प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर 74 में सुपरटेक केपटाउन और सेक्टर 137 में सुपरटेक इकोसिटी शामिल हैं। इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए इच्छुक सह-डेवलपर्स को कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत भुगतान करना होगा। इसके अतिरिक्त, सेक्टर 100 में स्थित क्लाउड नाइन हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए भूमि लागत बकाया पर ब्याज की छूट भी प्रदान की गई है।
पीपीपी मॉडल पर होटल विकास की योजना
शहर में पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पांच और सात सितारा होटलों के निर्माण को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर अनुमति दी गई है। नोएडा में इस श्रेणी के होटलों के लिए कम से कम सात भूखंड उपलब्ध हैं, जिन्हें बेचने में प्राधिकरण को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। नए मॉडल के तहत प्राधिकरण भूमि उपलब्ध कराएगा और निजी कंपनियां निवेश करेंगी। लोकेश एम ने स्पष्ट किया कि बोर्ड ने फिलहाल केवल पीपीपी मॉडल पर होटल विकास की मूल अवधारणा को मंजूरी दी है।