Morari Bapu Controversy: सूतक के समय कथा कहने पर मोरारी बापू ने काशी के संत समाज से माफ़ी मांग ली है लेकिन इनके बाद भी विवाद जारी है। ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उनको निशाने पर लिया है। शंकराचार्य ने मोरारी बापू का व्यवहार रावण जैसी प्रवृति का बताया है। उन्होंने मोरारी बापू से अपने शास्त्र का प्रमाण भी मांग लिया है। उन्होंने कहा कि अगर वो पश्चाताप नहीं करेंगे तो यमराज दण्डित करेगा।
मोरारी बापू का फूंका पुतला
सोमवार को काशी के मछोदरी में स्थानीय लोगों ने मोरारी बापू का पुतला दहन करके विरोध जताया। आपको बता दें कि कथावाचक मोरारी बापू की पत्नी नर्मदा बा का कुछ दिन पहले ही निधन हुआ हैं। पत्नी के निधन के 3 दिन बाद वो काशी पहुंचे और बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया। इसके बाद रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में 14 जून से 9 दिवसीय रामकथा शुरू कर दी। इसे लेकर बवाल हो गया। संतों ने सूतक में ही पूजा-पाठ अनुष्ठान करने पर सवाल उठाए। मामला ख़राब होता देखकर मोरारी बापू ने माफ़ी मांग ली हालांकि राम कथा जारी रहेगी।
पूरा मामला क्या है?
मोरारी बापू की पत्नी का 11 जून को निधन हुआ। वो 14 जून को वाराणसी पहुंचे। बाबा विश्वनाथ के दर्शन किये, फिर राम कथा की शुरुआत की। अब इसे लेकर अखिल भारतीय संत समिति ने विरोध दर्ज कराया। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने मोरारी बापू के इस आचरण को घोर निंदनीय बताया। इसके अलावा भी कई साधु-संतों ने उनकी आलोचना की। मोरारी बापू ने बाद में माफ़ी मांगी। उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए मानस क्षमा कथा भी कहूंगा लेकिन प्रभु की कथा नहीं रोकूंगा।