Ghaziabad News : लोनी नगर पालिका में चेयरमैन की मनमानी, भ्रष्टाचार और विकास कार्यों में लापरवाही के खिलाफ जनता और भाजपा सभासदों ने मोर्चा खोल दिया है। स्थानीय लोगों और सभासदों ने चेयरमैन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और “चेयरमैन मुर्दाबाद” व “भ्रष्टाचार बंद करो” के नारे लगाए। वार्डों में जलभराव, विकास कार्यों की अनदेखी और कमीशनखोरी के गंभीर आरोपों को लेकर जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
कथित तौर पर पहले ही कमीशन लिया
भाजपा सभासद दल के अध्यक्ष रोहित भारद्वाज ने चेयरमैन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर पालिका में टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। उन्होंने बताया कि कार्यकारी अधिकारी (ईओ) निष्पक्षता के साथ टेंडर खोल रहे थे, लेकिन चेयरमैन बिना तकनीकी जांच के अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिलाने पर अड़ी थीं, जिनसे कथित तौर पर पहले ही कमीशन लिया गया था। भारद्वाज ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। ईओ टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुचिता सुनिश्चित करना चाहते हैं, लेकिन चेयरमैन की मनमानी इसे बाधित कर रही है।”
भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा दर्ज
सभासदों ने आरोप लगाया कि चेयरमैन और उनके पति धामा दंपत्ति के खिलाफ हाल ही में आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके बावजूद, पालिका में भ्रष्टाचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। स्थानीय लोगों और सभासदों का कहना है कि चेयरमैन महीनों तक पालिका से गायब रहती हैं और अचानक ठेकेदारों के साथ धरना देने पहुंच जाती हैं, जबकि लोनी में जलनिकासी और अन्य विकास कार्य पूरी तरह ठप हैं। पार्षदों के प्रस्तावों और कार्यों को लगातार दरकिनार किया जा रहा है।
गिरफ्तारी की मांग
भाजपा सभासदों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर चेयरमैन के वित्तीय अधिकारों को सीज करने और भ्रष्टाचार के मामलों में निष्पक्ष जांच के साथ उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। सभासदों ने यह भी मांग की है कि लोनी नगर पालिका में प्रशासक नियुक्त किया जाए, क्योंकि चेयरमैन का कार्यकाल जनहित में उचित नहीं है। जनता और सभासदों का कहना है कि लोनी में जलभराव की समस्या ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। सड़कों पर गंदगी, नालियों का जाम होना और बुनियादी सुविधाओं का अभाव आम बात हो गई है। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने कहा, “चेयरमैन को केवल अपने हितों की चिंता है। वार्डों में कोई विकास कार्य नहीं हो रहा, और जो काम शुरू होते हैं, वे कमीशनखोरी की भेंट चढ़ जाते हैं।”
सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती ?
इस पूरे मामले ने लोनी नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता और सभासदों का गुस्सा अब सड़कों पर उतर चुका है, और वे भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को तैयार हैं। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र और दर्ज मुकदमों के बाद अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है। लोनी की जनता और सभासदों की मांग साफ है- भ्रष्टाचार पर रोक, निष्पक्ष जांच और विकास कार्यों में तेजी। अब देखना यह है कि क्या लोनी नगर पालिका में पारदर्शिता और सुशासन की वापसी होगी, या यह विवाद और गहराएगा।