नई दिल्ली। पहलगाम हमले के दो दिन बाद यानी 24 अप्रैल को भारत ने 65 साल पुराने सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया। अब इसका असर पाकिस्तान पर दिखना शुरू हो गया है। पाकिस्तान में चिनाब नदी का फ्लो 90% से ज्यादा घट चुका है। 29 मई को जहां नदी में वाटर फ्लो 98 हजार 200 क्यूसेक था। वहीं अब यह घटकर सिर्फ 7200 क्यूसेक ही रह गया है।
डेड लेवल से नीचे गया पानी का स्तर
पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत में पानी का स्तर 3000 क्यूसेक यानी ‘डेड लेवल’ से भी नीचे जा चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां के 6 करोड़ से ज्यादा किसान सिंचाई के लिए चिनाब नदी पर निर्भर हैं।
पानी की कमी की वजह से पंजाब और सिंध प्रांत में 40 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है। सिंधु नदी पर बने तारबेला बांध और झेलम पर बने मंगला बांध में भी पानी की काफी कमी देखी जा रही है। पाकिस्तान का कृषि मंत्रालय भी कह चुका है कि इस बार खरीफ सीजन हाल के इतिहास में सबसे ज्यादा खराब रह सकती है।
अब तक 2200 करोड़ का नुकसान
पाकिस्तान किसान इत्तिहाद (PKI) का दावा है कि पानी की कमी की वजह से सिर्फ गेहूं की फसल में अब तक 2200 अरब रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। यह पाकिस्तान की कुल कृषि GDP का 23.15 फीसदी है। PKI का दावा है कि अगर पानी की परेशानी दूर नहीं हुई, तो फिर यह नुकसान साल के अंत तक 4500 अरब रुपए तक पहुंच सकता है।
चार बार चिट्ठी भेज चुका है पाकिस्तान
सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद पाकिस्तान अब तक 4 बार भारत को चिट्ठी भेज चुका है। इन चिट्ठियों में पानी देने की गुहार लगाई गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन चिट्ठियों में से एक चिट्ठी ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत को भेजी गई है।