लखनऊ/गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों से शुक्रवार को हुए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के भव्य लोकार्पण ने नेपाल आने-जाने वाले यात्रियों की सहूलियतें भी बढ़ा दी हैं। इसके साथ ही यूपी का एक अत्यंत महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब पहुंच गया है, जहां से यात्रियों को वाया पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे नई दिल्ली तक की यात्रा बेहद सुखद हो जाएगी। 91 किलोमीटर लंबा फोरलेन एक्सप्रेसवे गोरखपुर से आजमगढ़ तक फैला है और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मार्ग नेपाल से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए सुगमता और भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी इससे लाभ मिलने वाला है।

पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और मरीजों के लिए वरदान
नेपाल आने जाने वाले यात्रियों के लिए यह एक्सप्रेसवे एक वरदान है। गोरखपुर, जो आगे महाराजगंज में सोनौली बॉर्डर के जरिए नेपाल से जुड़ा है, नेपाल से आने और नेपाल जाने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का प्रमुख प्रवेश द्वार है। इसके साथ ही यह एक्सप्रेसवे नेपाल से बीमारी का इलाज कराने आने वाले रोगियों और उनके तीमारदारों के लिए भी वरदान साबित होगा। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से लखनऊ तक का सफर केवल साढ़े तीन घंटे में पूरा करेगा, जिससे नेपाल से आने वाले लोग आसानी से उत्तर प्रदेश की राजधानी और वहां से दिल्ली, आगरा जैसे शहरों तक पहुंच सकेंगे। सोनौली बॉर्डर से गोरखपुर तक बस या टैक्सी से पहुंचने वाले यात्रियों को अब पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ यह मार्ग तेज और सुरक्षित कनेक्टिविटी देगा।

उत्तर प्रदेश को बनाया ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश’
लुंबिनी, पोखरा और काठमांडू जैसे स्थानों से भारत आने वाले पर्यटकों को समय की बचत होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे योगी सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसने उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश’ बनाया है। सातवां संचालित एक्सप्रेसवे होने के साथ यह स्थानीय रोजगार, औद्योगिक विकास और किसानों की खुशहाली को बढ़ावा देगा। नेपाल के साथ सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने में यह मार्ग एक नया अध्याय लिखेगा।
