Ghaziabad News : गाजियाबाद कोर्ट में 18 सितंबर 2024 को जज के सामने अधिवक्ताओं के बीच हुए विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। कोर्ट रूम में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर विवेचक ने 19 सितंबर 2024 को मामले में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगाकर मुकदमा बंद कर दिया। अब अधिवक्ता रोहित गोला, भवनीश गोला समेत अन्य ने विपक्षी अधिवक्ताओं ललित मित्तल, वेदप्रकाश शर्मा, राजेंद्र सैनी और अन्य के खिलाफ झूठी सूचना देने सहित अन्य धाराओं में कविनगर थाने में नया मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
कैसे शुरु हुआ था विवाद
अधिवक्ता भवनीश गोला ने बताया कि 18 सितंबर 2024 को कोर्ट नंबर 24 में वह अपने मुवक्किल का पक्ष रखने के लिए जज के सामने खड़े थे। इस दौरान विपक्षी अधिवक्ता ललित मित्तल, वेदप्रकाश शर्मा, राजेंद्र सैनी और उनके साथी वहां पहुंचे और उन्हें गाली-गलौज शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने और उनके साथियों ने भवनीश का कॉलर पकड़कर धक्का-मुक्की की। यह पूरा वाकया कोर्ट रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
भवनीश गोला ने उसी दिन कविनगर थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर ध्यान न देकर उल्टा ललित मित्तल पक्ष की शिकायत के आधार पर उनके और रोहित गोला के खिलाफ हत्या के प्रयास, आभूषण लूटने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट रूम की सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करने की मांग की। हाईकोर्ट के आदेश पर फुटेज सुरक्षित की गई और विवेचक के सामने पेश की गई। फुटेज देखने के बाद विवेचक ने प्राथमिकी को गलत पाते हुए मुकदमा बंद कर दिया।
झूठी सूचना पर गलत मुकदमा दर्ज
इसके बाद रोहित गोला और भवनीश गोला ने कविनगर थाने में नई शिकायत दर्ज कराई, जिसमें ललित मित्तल, वेदप्रकाश शर्मा, राजेंद्र सैनी और अन्य पर झूठी सूचना देकर उनके खिलाफ गलत मुकदमा दर्ज कराने और कोर्ट रूम में मारपीट का आरोप लगाया गया। एसीपी कविनगर भास्कर वर्मा ने बताया कि इस शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।