Gaurav Gogoi attacks the government in Parliament on Operation Sindoor
Operation Sindoor : लोकसभा में विपक्ष की ओर से बोलते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है, लेकिन आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर सच्चाई सामने आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष आज भी आतंक के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ खड़ा है, लेकिन कई सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब सरकार को देना होगा.
गौरव गोगोई ने सवाल किया कि पुलवामा के बाद सरकार ने जिस ऑपरेशन की बात की, उसका अंतिम परिणाम क्या रहा? उन्होंने कहा कि पहले 21 टार्गेट चुने गए थे,फिर वे सिर्फ 9 रह गए. क्यों? पाकिस्तान अगर झुकने को तैयार था तो हमने सीजफायर क्यों किया?
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों का हवाला देते हुए पूछा कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति कह रहे हैं कि उन्होंने जंग रुकवाई और पाकिस्तान के 5-6 जेट गिराए गए, तो सरकार इस पर चुप क्यों है? हमारे पास 35 राफेल हैं,उनमें से कुछ गिरे तो यह क्षति है. क्या सरकार इसके बारे में देश को सच बताएगी?.
गोगोई ने विदेश नीति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि भारत ने जिन दस्तावेजों को अस्वीकार किया,वे हमारे पारंपरिक सहयोगी देशों द्वारा ही तैयार किए गए थे. उन्होंने कहा ब्राजील के दस्तावेज़ में जम्मू-कश्मीर का जिक्र हुआ,लेकिन पाकिस्तान की निंदा नहीं हुई और सरकार उसी में खुश है.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि अगर मकसद युद्ध नहीं था, तो क्यों नहीं था? क्या पीओके को आज नहीं लेंगे तो कब लेंगे? उन्होंने यह भी पूछा कि जब सेना टू-फ्रंट या थ्री-फ्रंट युद्ध की बात कर रही है,तो चीन को लेकर सरकार इतनी मौन क्यों है?
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कश्मीर में हालिया आतंकवादी हमलों का ज़िक्र करते हुए गोगोई ने पूछा कि बैसरन में कैसे पांच आतंकी घुसे और 26 लोगों को मार दिया? सौ दिन हो गए, कोई गिरफ्तार नहीं हुआ. सरकार के पास जवाब क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि बैसरन में लोगों ने खुद को असहाय महसूस किया और इस पर गृह मंत्री को बोलना चाहिए था.
उन्होंने सरकार पर नैतिक जिम्मेदारी लेने में विफल रहने का आरोप लगाया. गृह मंत्री कह रहे हैं कि आतंकियों की कमर तोड़ दी,फिर भी पुलवामा जैसा हमला होता है. जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या एलजी? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पहलगाम नहीं गए, जबकि देश की जनता चाहती थी कि वे वहां जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दें.
सदन में गोगोई के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा हुआ. स्पीकर ने उन्हें तथ्यों को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी. बावजूद इसके गोगोई ने अपनी बात पूरी की और कहा कि हमारा कर्तव्य देशहित में है सवाल पूछना. सच्चाई सामने लाना जरूरी है चाहे वह ऑपरेशन सिंदूर हो, पहलगाम हो या फिर विदेश नीति.
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