दरअसल, कोर्ट ने अपनी वह टिप्पणी भी हटा दी जिसमें उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश की ‘सबसे खराब’ आदेश पारित करने के लिए आलोचना की थी। कोर्ट ने कहा कि हम पूरी तरह से मानते हैं कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रोस्टर के मास्टर हैं, हम मामले में फैसला लेने का काम उन पर छोड़ते हैं। बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के एक समूह ने मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली को पत्र लिखा था।
न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने दोहराया कि यह टिप्पणियां न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए की गई थीं।पीठ ने कहा कि वह भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई के अनुरोध पर इस आदेश को हटा रही है, जिन्होंने मामले पर पुनर्विचार की मांग की थी।