New Delhi : संसद का मानसून सत्र (Monsoon session) 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Minister Kiren Rijiju) ने इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने इन तारीखों की सिफारिश की है। यह सत्र कुल 23 दिनों तक चलेगा और इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा की जाएगी।
विपक्ष की मांगों पर सरकार का फैसला
मानसून सत्र की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब विपक्षी दलों के नेता ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में रिजिजू ने स्पष्ट किया कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर नियमों के तहत चर्चा करने को तैयार है। उन्होंने विपक्ष की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि मानसून सत्र में संसदीय नियमों के अनुसार सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जा सकती है।
बीमा संशोधन बिल की तैयारी
इस मानसून सत्र में बीमा संशोधन बिल पेश किए जाने की प्रबल संभावना है। इस महत्वपूर्ण विधेयक में बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रावधान है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बिल का मसौदा पहले से तैयार है और इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। कैबिनेट की अनुमति मिलने के बाद वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय सेवा विभाग इस विधेयक को संसद में पेश करने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करेगा।
यह बिल भारतीय बीमा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकता है, क्योंकि इससे विदेशी निवेशकों को पूर्ण नियंत्रण की अनुमति मिल जाएगी।
पिछले सत्र की समाप्ति
गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र इस वर्ष 31 जनवरी को शुरू हुआ था और लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों सदनों को 4 अप्रैल को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसके साथ ही 2025 का पहला संसद सत्र समाप्त हो गया था। अब आगामी मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस होने की उम्मीद है।