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महाराष्ट्र में एक साथ नजर आएंगे राज-उद्धव ठाकरे, 5 जुलाई को लेकर हुई बैठक में लिया गया फैसला

Maharashtra News
inkhbar News
  • Last Updated: June 29, 2025 17:46:59 IST

Maharashtra News: महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर छिड़ी बहस थमने का नाम नहीं ले रही है। अब राज्य में मराठी अस्मिता की रक्षा और हिंदी को थोपे जाने के विरोध में 5 जुलाई को मुंबई में एक मार्च निकाला जाएगा। इस मार्च में शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे के प्रमुख राज ठाकरे पहली बार एक मंच पर नजर आएंगे।

ठाकरे बंधुओं का साथ आना सियासी तौर पर अहम

ठाकरे बंधुओं के एक मंच पर साथ आने को सियासी तौर पर अहम माना जा रहा है। रविवार को दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच बैठक हुई। जिसमें पांच जुलाई को निकाले जाने वाले मार्च को लेकर प्लानिंग की गई।

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आंदोलन से पहले हुई माहौल बनाने की शुरुआत

दरअसल, इस आंदोलन से पहले माहौल बनाने की शुरुआत हुई। मुंबई के आज़ाद मैदान में शिवसेना ठाकरे गुट ने हिंदी किताबों की प्रतीकात्मक होलिका जलाई। इस प्रदर्शन में खुद उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे समेत पार्टी के कई शीर्ष नेता मौजूद रहे। आयोजन में शामिल हुए बड़ी संख्या में शिवसैनिकों ने केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया।

बैठक का हुआ आयोजन

वहीं, विरोध प्रदर्शन से पहले एक बैठक का भी आयोजन किया गया, जिसमें मराठी अध्ययन केंद्र के प्रमुख, अन्य समान विचारधारा वाले संगठनों के प्रतिनिधि और उद्धव ठाकरे स्वयं मौजूद रहे। बैठक में मराठी भाषा की पहचान और अस्मिता की रक्षा के लिए खास रणनीति बनाई गई।

‘हम दबाव नहीं बना रहे’

उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हम दबाव नहीं बना रहे, बल्कि इस फैसले को स्वीकार नहीं करते। अगर सरकार कुछ थोपने जा रही है, तो हमने पहले ही इसका विरोध शुरू कर दिया है। हमने उस सरकारी प्रस्ताव की प्रतीकात्मक होलिका जलाई है। अब यह मानने का कोई कारण नहीं बचता कि यह प्रस्ताव प्रभावी है।”

‘हिंदी के खिलाफ नहीं शिवसेना’

उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शिवसेना हिंदी के खिलाफ नहीं, लेकिन जबरन थोपने के खिलाफ हैं। ठाकरे ने कहा, “हमने हमेशा भाषा की विविधता का सम्मान किया है, लेकिन अपनी मातृभाषा मराठी की उपेक्षा हम सहन नहीं करेंगे।”

गठबंधन की संभावनाएं प्रबल

बता दें कि 5 जुलाई को प्रस्तावित इस मार्च को लेकर यह भी चर्चा है कि (Maharashtra News) उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावनाएं प्रबल हो रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में शिवसेना ठाकरे गुट के नेता वरुण सरदेसाई और मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर के बीच मुलाकात भी हुई है।

‘हम दोस्त हैं, मुलाकातें होती रहती हैं’

वहीं, बाला नंदगांवकर ने इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा, हम दोस्त हैं, मुलाकातें होती रहती हैं। अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होती है। हालांकि यह राजनीतिक गठबंधन की बातचीत नहीं थी, लेकिन कई विषयों पर सहमति जरूर बन रही है।

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इतना ही नहीं, मार्च के आयोजन को व्यापक जनसमर्थन दिलाने के लिए (Maharashtra News) मनसे और ठाकरे गुट ने सभी समाजों और वर्गों से समर्थन की अपील की है। नंदगांवकर के मुताबिक इस विरोध मार्च में हिंदी भाषी लोगों को भी आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र और मराठी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। अब समय आ गया है कि वो इस भाषा का सम्मान करें।

नंदगांवकर ने इस विरोध को राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान का मुद्दा बताया। उनका कहना है, यह विरोध किसी पार्टी या भाषा के खिलाफ नहीं है, यह मराठी अस्मिता की लड़ाई है। जो लोग इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, वो मराठी भावना को नहीं समझते।