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land for jobs मामले में बढ़ी लालू यादव की मुश्किलें, जानें दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?

land for jobs मामले में बढ़ी लालू यादव की मुश्किलें, जानें दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को एक बड़ा झटका देते हुए ‘जमीन के बदले नौकरी’ (land-for-jobs) घोटाले में उनकी याचिका खारिज कर दी है. लालू यादव ने इस मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया.

CBI पर पूर्व मंजूरी न लेने का आरोप

इस कथित भ्रष्टाचार मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही हैं. लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि इस मामले की प्राथमिकी और जांच प्रक्रिया कानून के अनुरूप नहीं है, इसलिए आरोपपत्र भी वैध नहीं माना जा सकता. याचिका में कहा गया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक पूर्व मंजूरी नहीं ली गई थी, जो कि कानूनी रूप से अनिवार्य है. कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट 2 जून को आरोप तय करने की सुनवाई करने वाला है, इसलिए कार्यवाही पर रोक जरूरी है.

CBI ने किया विरोध

CBI की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डी. पी. सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली है. उन्होंने कहा कि आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, जिससे साफ है कि यह मामला कानूनन आगे बढ़ सकता है.

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IRCTC होटल घोटाले में भी फैसला सुरक्षित

वहीं एक अन्य मामले में,  IRCTC होटल घोटाला में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य आरोपी हैं. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को तय की है. CBI ने आरोप लगाया है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने अपने परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) के दो होटलों के रखरखाव का ठेका एक निजी कंपनी को दिया. इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं.

क्या है ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामला?

यह मामला उस समय का है जब लालू यादव 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री थे. CBI का आरोप है कि इस दौरान कई लोगों को भारतीय रेलवे में नौकरी दी गई और इसके बदले उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली गई. इसे लेकर लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और साजिश के तहत मामला दर्ज है.

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