New Delhi : आजकल हर कोई कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में सोच रहा है। जुलाई से इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होने वाले हैं। आप भी इस यात्रा का हिस्सा बनने का प्लान कर रहे है तो कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar) यात्रा बारे में कुछ बातें हैं जिन्हें जान लें। कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश को लेकर लोगों के मन में काफी सवाल और यात्रा को लेकर भी कंफ्यूजन हैं। कई बार लोग इन दोनों को एक समझ लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं। आदि कैलाश और माउंट कैलाश दोनों अलग जगह पर हैं। दोनों दिखने में एक जैसे है लेकिन इनकी यात्रा अलग होती है। आइये जानते है धरती के दो कैलाशों के बारे में जिनका नाम तो एक है लेकिन वास्तव में भगवान शिव कहां वास करते हैं।
दो पर्वत पर एक ही नाम, कैसे करें यात्रा
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश में रहते है। यह पर्वत अपने आप में ही रहस्यमय है क्योंकि आज तक कोई इसकी चढ़ाई नहीं कर पाया है। माउंट कैलाश चीन में हैं जिसकी वजह से पांच साल पहले इस यात्रा पर रोक लग गई थी। कैलाश मानसरोवर तीर्थ पर चीन ने 1962 पर कब्जा कर लिया था। माउंट कैलाश 6638 मीटर (21778 फीट) की ऊंचाई पर है। जबकि आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के अंतिम गांव में स्थित हैं। आदि कैलाश जाने के लिए आपको न ही किसी वीजा की जरूरत है न ही भारत-चीन सीमा पार करने की आदि कैलाश के दर्शन आप भारत में ही रहकर आराम से कर सकते हैं। आपके पास अगर वीजा नहीं है तो आप आदि कैलाश के दर्शन कर सकते हैं। आदि कैलाश और माउंट कैलाश पंच कैलाश का हिस्सा हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जा चुके
पिछले कुछ सालों में ही आदि कैलाश का प्रचलन देखने को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2023 में आदि कैलाश पहुंचे थे। यहां उन्होंने शिव मंदिर में पूजी की थी साथ ही पार्वती सरोवर के किनारे बैठकर ध्यान किया था। जिसकी तस्वीरें भी उन्होंने सोशल मीडिया पर सांझा की। इसके बाद कई श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा में मिलेगा आदि कैलाश
पौराणिक मान्यता के अनुसार, दोनों ही पर्वतों पर भगवान शिव और माता पार्वती का वास है। भक्तों का यह मानना है कि शिव माउंट कैलाश और आदि कैलाश में निवास करते हैं। जो लोग चीन में स्थित माउंट कैलाश नहीं जा पाते वे भारत में आदि कैलाश के दर्शन कर सकते हैं। हालांकि इस बार माउंट कैलाश की यात्रा शुरू हो गई है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के बीच आपको आदि कैलाश, मानसरोवर, पार्वती झील और गौरी कुंड, माउंट कैलाश के भी दर्शन करने को मिलेंगे।