Kailash Vijayvargiya controversial statement : मध्य प्रदेश के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को एक अजीबोगरीब टिप्पणी करते हुए दावा किया कि उन्हें वे महिलाएं पसंद नहीं हैं जो खुले कपड़े पहनती हैं और वे उनके साथ तस्वीर खिंचवाने से भी इनकार कर देते हैं.
महिलाओं के पहनावे को लेकर क्या कहा
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि महिलाओं को भारतीय परिधानों में सुंदर कपड़े पहनने चाहिए, क्योंकि हमारी संस्कृति में इसे बहुत महत्व दिया जाता है. लेकिन कुछ अन्य देशों में जो महिलाएं कम कपड़े पहनती हैं उन्हें अक्सर फैशनेबल माना जाता है, इसी तरह कम भाषण देने वाले राजनेता अच्छे होते हैं. यह दूसरे देशों में एक कहावत है, मैं इस पर विश्वास नहीं करता. मैं महिलाओं को देवी के रूप में देखता हूं और उन्हें अच्छे कपड़े पहनने चाहिए. मुझे वे महिलाएं या लड़कियां पसंद नहीं हैं जो खुले कपड़े पहनती हैं, इस हद तक कि मैं उनके साथ तस्वीर खिंचवाने से इनकार कर देता हूं.
पहली बार नहीं, पहले भी बिगड़ चुके है बोल
यह पहली बार नहीं है जब विजयवर्गीय ने महिलाओं के पहनावे पर टिप्पणी की है. 2024 में विजयवर्गीय को महिलाओं की खराब पोशाक की तुलना रामायण की राक्षसी शूर्पणखा से करने के लिए व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा था. इंदौर में एक धार्मिक सभा में दिए गए उस बयान पर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी.
उन्होंने कहा था कि हम महिलाओं में देवी देखते हैं. लेकिन जिस तरह के खराब कपड़े लड़कियां पहनती हैं और घूमती हैं, उससे वे देवी नहीं बल्कि शूर्पणखा जैसी दिखती हैं. भगवान ने आपको एक अच्छा और सुंदर शरीर दिया है… अच्छे कपड़े पहनिए,दोस्तों.
विपक्ष के निशाने पर विजयवर्गीय
विपक्षी नेताओं ने तब विजयवर्गीय की आलोचना करते हुए कहा था कि क्या हम तालिबानी शासन में रह रहे हैं कि सरकार महिलाओं को बताएगी कि उन्हें क्या पहनना है, क्या खाना है और किससे मिलना है? अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की प्रमुख नेट्टा डिसूजा ने उस समय मामले में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर महिलाओं के प्रति अपमानजनक रवैया अपनाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय जो कह रहे हैं, उससे भाजपा के अंदर शूर्पणखा के प्रति प्रेम झलकता है. यह भाजपा का चरित्र है.