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महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर छिड़ा विवाद, सरनाईक के बयान पर राउत और मनसे हमलावर

महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर छिड़ा विवाद, सरनाईक के बयान पर राउत और मनसे हमलावर

Maharashtra News

Maharashtra News: देश के कई राज्यों में हिंदी को लेकर विवाद देखने को मिलता रहता है. इसमें सबसे ज्यादा हिंदी का विरोध तमिलनाडु में देखने को मिला था. तमिलनाडु में आज से नहीं बल्कि साल 1930 से हिंदी का विरोध होता रहा है. इस लिस्ट में कर्नाटक का नाम भी शामिल है. इसके साथ ही महाराष्ट्र से भी हिंदी को लेकर तरह-तरह के विवाद सामने आते रहते हैं. अब एक बार फिर महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर विवाद छिड़ गया है.

परिवहन मंत्री के बयान पर बवाल

दरअसल, राज्य सरकार में मंत्री प्रताप सरनाईक एक कार्यक्रम में थे जहां उन्होंने ऐसा बयान दिया जिससे राज्य में सियासी बवाल मच गया है. शिवसेना उद्धव गुट और मनसे ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन पर निशाना साधा है.सरनाईक ने कहा, “हिंदी अब मुंबई की बोलचाल की भाषा बन गई है. हिंदी हमारी प्यारी बहन है.” मंत्री के इतना कहते ही मराठी भाषी नाराज हो गए हैं. जिससे कि अब विवाद की स्थिति बन गई है.

‘बोलचाल की भाषा बन गई है हिंदी’

इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि हम मराठी को अपनी मातृभाषा कहते हैं, लेकिन कभी-कभी हम हिंदी और कभी-कभी अंग्रेजी बोलते हैं. इसीलिए हिंदी अब बोलचाल की भाषा बन गई है.उन्होंने आगे कहा,”ठाणे और मीरा भयंदर मेरे निर्वाचन क्षेत्र हैं. जनता से बात करते समय वह शुद्ध मराठी में बोलते हैं.”उन्होंने कहा कि जब मैं मीरा भयंदर जाता हूं, तब मेरे मुंह से स्वतः ही हिंदी निकल जाती है. आजकल हम कहते हैं कि मराठी हमारी मातृभाषा है, हमारी मां है, लेकिन हिंदी हमारी प्यारी बहन है.

संजय राउत ने साधा निशाना

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री के बयान की संजय राउत ने आलोचना की. उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने मराठी लोगों के उत्थान और कल्याण के लिए शिवसेना की स्थापना की, जिससे कि वो मराठी लोगों के रूप में आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ सकें और यही लोग अब कहते हैं कि हम बालासाहेब ठाकरे के वारिस हैं.

संजय राउत ने कहा कि उनके नेताओं से पूछें कि क्या उनकी कोई भूमिका है? क्या मराठी संदर्भ में यही आपकी मुख्य भूमिका है? वो जो सोचते हैं, वही बीजेपी की सोच है. मैं बार-बार कहता हूं कि उनकी पार्टी के नेता और प्रमुख अमित शाह हैं. इसलिए ये लोग वही बात कहते हैं जो शाह कहते हैं.

मनसे ने भी दी कड़ी प्रतिक्रिया

इसके साथ ही प्रताप सरनाईक के बयान पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है.मनसे नेता यशवंत किलेदार ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपने मंत्रियों को समझाना चाहिए. हम यह स्वीकार नहीं कर सकते हैं कि वोटों की खातिर मराठी और मुंबई को कलंकित किया जाए.

उन्होंने कहा कि मेरे राजा,राज्य, मुंबई और मेरे पिता के पूर्वजों की भाषा मराठी है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या प्रताप सरनाईक को पता है कि मुंबई भी मराठी लोगों की है. इससे पहले उनके मंत्री हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिए जाने की बात करते रहे थे.

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