Tejashwi Yadav : राहुल गांधी के बाद अब बिहार में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि 2014 के बाद से देश की तमाम संवैधानिक संस्थाओं का हाईजैक हो गया है।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव हार गए तेजस्वी यादव
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को ईमानदारी से काम करना चाहिए और चुनाव निष्पक्ष कराने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। अगर यही संस्थाएं निष्पक्ष नहीं रहेंगी, तो लोगों को न्याय कहां से मिलेगा? तेजस्वी यादव ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने उस समय सरकार बना ली थी, लेकिन चुनाव आयोग ने गिनती के दौरान असामान्य गतिविधियां कीं।
चुनाव आयोग पर आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि गिनती के दौरान हम आगे थे, लेकिन शाम को अचानक गिनती रोक दी गई और देर रात दोबारा शुरू की गई। रात 11-12 बजे के बाद हमारे जीते हुए उम्मीदवारों को मामूली अंतर से हारा हुआ घोषित कर दिया गया। किसी को 12 वोट, किसी को 100 और किसी को 500 वोट से हराने का ऐलान हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की आईटी सेल को चुनाव आयोग से पहले ही चुनाव की तारीखों की जानकारी मिल जाती है। तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग तारीखों की घोषणा करता है लेकिन उससे पहले बीजेपी के लोग जान जाते हैं कि चुनाव कब होने हैं। ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं.
चुनाव प्रक्रिया में दिखती है गड़बड़ी : राहुल
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी चुनाव आयोग पर मैच फिक्सिंग जैसे आरोप लगाए थे। राहुल ने कहा था कि जहां उनकी पार्टी हार जाती है,वहीं चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी दिखती है। इस पर चुनाव आयोग ने आरोप को निराधार बताया. जबकि बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं को केवल अपनी हार में ही गड़बड़ी नजर आती है। और अब तेजस्वी यादव के बयान ने एक बार फिर से चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता पर बहस को तेज कर दिया है।