पटना। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM तमाम कोशिशों के बाद भी विपक्षी महागठबंधन में शामिल नहीं हो पाई है। इस बीच एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी अब राज्य में तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी कर रही है। ईमान ने कहा कि उन्होंने 15 दिन पहले उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के बड़े नेताओं को संदेश भेजा था कि हमें गठबंधन कर लेना चाहिए, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बताया कि उनकी पार्टी महागठबंधन से कोई भी समझौता न होने की स्थिति में अब तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में है। ईमान ने कहा कि अभी कुछ दलों से हमारी बातचीत चल रही है। एआईएमआईएम के तीसरे मोर्चे में कौन-कौन सा दल शामिल होगा, इस सवाल का ईमान ने जवाब नहीं दिया।
बता दें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी एआईएमआईएम ने तीसरा मोर्चा बनाया था। AIMIM के ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी, बसपा, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के लोग शामिल थे। 2020 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पांच पर जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में एआईएमआईएम के चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे।
बता दें कि AIMIM की बिहार इकाई के नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी इस बार सिर्फ सीमांचल ही नहीं बल्कि मिथिलांचल में भी चुनाव लड़ेगी। बता दें कि सीमांचल में 20 सीटें ऐसी हैं, जो मुस्लिम प्रभाव वाली मानी जाती है। इन सीटों पर मुस्लिम आबादी 35 से 70 फीसदी तक है। वहीं, मिथिलांचल में 10 ऐसी सीटें हैं जहां पर मुस्लिमों का प्रभाव है। ऐसे में माना जा रहा है कि 30 सीटों पर AIMIM अपने उम्मीदवार उतार सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इससे सीधे तौर पर राजद को नुकसान पहुंचेगा। मालूम हो कि बिहार में मुस्लिम पारंपरिक तौर पर राजद और कांग्रेस के मतदाता माने जाते रहे हैं।
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