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Ankita Bhandari murder case : तीन साल बाद तीनों आरोपी दोषी करार, कोर्ट का फैसला

Ankita Bhandari murder case : तीन साल बाद तीनों आरोपी दोषी करार, कोर्ट का फैसला

कहते हैं भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। इसी मुहावरे का उदाहरण आज देखने को मिला है। जहां साल 2022 में हुए अंकिता भंडारी केस में अब जाकर तीनों आरोपी दोषी करार हुए हैं। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस मामले पर सुनवाई के बाद आज यानी 30 मई को फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है। आपको बता दें कि इस मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट को दो साल आठ महीने का समय लगा। इस कोर्ट के सामने तमाम सबूत और गवाहों को पेश किया गया। इसमें कुल 100 गवाह पेश किए गए। ये मामला उत्तराखंड के सबसे बड़े मामलों में से एक था। तमाम मीडिया चैनलों ने इस केस को कवर किया। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ ली। मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया, जिसमें 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।

कैसे और कब हुई अंकिता की हत्या

दरअसल, 18 सितंबर 2022 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई। यह हत्या अंकिता भंडारी यमकेश्वर के वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के दौरान हुई थी। अंकिता भंडारी रिजॉर्ट से लापता होने के बाद परिवार के ढूंढने पर उसकी लाश नहर से बरामद हुई थी। जांच में सामने आया कि रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अपने दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता भंडारी की हत्या की। उन्होंने अंकिता भंडारी को नहर में धक्का दे दिया था। फिलहाल, इस मामले में रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और दो अन्य साथी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता जेल में बंद हैं। पुलकित के पिता भाजपा से जुड़े हुए थे। इस मामले के बाद उनको पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

सरकार ने परिवार का दिया साथ

अंकिता के माता-पिता के अनुसार, किसी बात को लेकर अंकिता और पुलकित आर्य में विवाद हो गया था। इस विवाद के बाद पुलकित आर्य ने सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता की हत्या की थी। इस केस में तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हत्या की बात भी कबूल की है। तीनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया। वहीं, अंकिता के परिजनों की मांग पर 3 बार सरकारी वकील बदले गए। इस मामले में अंकिता के भाई और उसके पिता को सरकारी नौकरी दी गई। वहीं धामी सरकार ने अंकिता भंडारी के परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक मदद भी दी। 

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