Ankita Bhandari Case : अंकिता भंडारी हत्याकांड में 30 मई को अदालत से बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो साथियों को हत्या, साक्ष्य मिटाने और देह व्यापार के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में सुनवाई होने में 2 साल आठ महीने लग गए। लेकिन इसके बाद अंकिता के माता पिता कोर्ट के फैसले से खुश नहीं है। उनका कहना है कि इंसाफ अभी बाकी है।
कोर्ट का फैसला
अदालत ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के साथ-साथ सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी दोषी मानते हुए कड़ी सजा सुनाई है। पुलकित आर्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत उम्रकैद और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा उस पर अन्य आरोपों में भी सजा सुनाई गई है – साक्ष्य नष्ट करने के लिए पांच साल, यौन उत्पीड़न के लिए दो साल और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत पांच साल की सजा दी गई है। कोर्ट ने अंकिता के परिवार को चार लाख रुपए का मुआवजा भी दिया है।
मां बोलीं – ‘इंसाफ अधूरा’
फैसले के बाद अंकिता की मां सोनी देवी ने कहा कि उन्हें पूरी तरह संतुष्टि नहीं मिली है। उन्होंने कहा, “उन्होंने हमारी बेटी के साथ इतना बुरा किया और हमारी जिंदगी नरक बना दी। मैं संतुष्ट तब होती अगर मेरे जीते-जी उन्हें फांसी की सजा मिलती। एक बेटी को खोने का दर्द एक मां ही समझ सकती है।” अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने भी कहा कि जिस तरह से उन्होंने निर्दोष लड़की को मारा है, उस हिसाब से फांसी होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग बच गए हैं और वे इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे।
कौन है पुलकित आर्य
मुख्य आरोपी पुलकित आर्य भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता और पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे हैं। वह ऋषिकेश के वनंतरा रिसॉर्ट का मालिक था जहां अंकिता काम करती थी। इस मामले में पुलिस ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया था। फिलहाल तीनों अलग-अलग जेलों में बंद हैं।
क्या था पूरा मामला
अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले की रहने वाली थी। वह ऋषिकेश के वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। सितंबर 2022 में अंकिता लापता हो गई थी और दो दिन बाद चीला नहर से उसका शव मिला था। पुलिस की जांच में पता चला कि रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके साथियों ने अंकिता को अनैतिक कामों के लिए मजबूर करने की कोशिश की थी। जब अंकिता ने इनकार किया तो उन्होंने उसकी हत्या कर दी।
जनता अंकिता के माता-पिता के साथ
इस केस में जनता का व्यापक समर्थन मिला था। लोगों ने अंकिता के परिवार के साथ खड़े होकर न्याय की मांग की थी। हालांकि परिवार को लगता है कि पूरा इंसाफ अभी भी बाकी है और वे इसके लिए आगे लड़ाई जारी रखेंगे।