अहमदाबाद हादसे के बाद Air India पर नहीं रहा भरोसा, सर्वे में 79% लोगों को सता रहा जान का डर..

अहमदाबाद हादसे के बाद Air India पर नहीं रहा भरोसा, सर्वे में 79% लोगों को सता रहा जान का डर..

Amhedabad News : अहमदाबाद में विमान हादसे के बाद एयर इंडिया की मुश्किलें बढ़ गई है। इस हादसे में जान गवाने के बाद लोग एअर इंडिया की सेवाओं से नाखुश दिखाई दे रहे हैं। 12 जून को अहमदाबाद में फ्लाइट AI171 की भीषण दुर्घटना के बाद लोगों को जान का डर सता रहा है। हाल ही में लोकलसर्कल्स द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में एअर इंडिया की उड़ानों की गुणवत्ता, रखरखाव, सुरक्षा और यात्री सुविधाओं को लेकर चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। यह सर्वे यात्रियों के हिसाब से तैयार किया गया, जिसमें देशभर के हजारों नागरिकों ने भाग लिया और एअर इंडिया के संचालन पर गंभीर सवाल खड़े किए।

हादसे को बाद ज्यादा डर

इस सर्वे में 79 प्रतिशत यात्रियों ने हिस्सा लिया जिसमें उनका यह मानना है कि एअर इंडिया के विमानों की स्थिति और उनका रखरखाव बेहद खराब है। यह आंकड़ा वर्ष 2024 में 55 प्रतिशत था, जिससे यह साफ पता लगता है कि एयर इंडिया की सुविधाओं से यात्री नाखुश हैं। इसका बड़ा कारण 12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे को बाद ज्यादा देखा जा रहा है। जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर थी, अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 242 में से केवल एक यात्री जान बच पाई थी यह घटना एअर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े करती है और यात्रियों की आशंकाएं और भी गहरी हो गई हैं।

15,000 यात्रियों ने क्या कहा

इस सर्वेक्षण में देश के 307 से अधिक जिलों से लगभग 15,000 यात्रियों ने हिस्सा लिया. इनमें 63 प्रतिशत पुरुष और 37 प्रतिशत महिलाएं थीं. प्रतिभागियों में 44 प्रतिशत टियर-1 शहरों से, 26 प्रतिशत टियर-2 और 30 प्रतिशत टियर-3, 4, 5 व ग्रामीण क्षेत्रों से थे. यह सर्वे यात्रियों के व्यापक अनुभवों पर आधारित था।

कस्टमर सर्विस तक कई स्तरों पर शिकायतें

सर्वे में 48 प्रतिशत यात्रियों ने कहा कि उन्हें अपने सामान की हैंडलिंग में परेशानियों का सामना करना पड़ा, जबकि 2024 में यह संख्या 38 प्रतिशत थी। 36 प्रतिशत यात्रियों ने फ्लाइट के मनोरंजन सिस्टम को खराब बताया, जो पिछले वर्ष 24 प्रतिशत था. 31 प्रतिशत यात्रियों ने एअर इंडिया की कस्टमर सर्विस से असंतोष जताया, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 24 प्रतिशत था। उसी तरह 31 प्रतिशत यात्रियों ने खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाए, जिससे भोजन संबंधी अनुभव भी नकारात्मक साबित हुआ।

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