Doomsday Fish : तमिलनाडु के समुद्री तट पर हाल ही में एक रहस्यमयी मछली देखी गई.करीब 30 फीट लंबी इस मछली को आम भाषा में ‘डूम्सडे फिश’ यानी ‘कयामत की मछली’ कहा जा रहा है. असल में यह मछली ओरफिश (Oarfish) है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Regale Cus glesne कहा जाता है. समुद्र की गहराइयों में पाई जाने वाली यह दुर्लभ मछली की चांदी जैसी चमकदार त्वचा व लाल धारियां उसे और रहस्यमयी बना देती हैं.
क्यों मच गया है हड़कंप?
दरअसल ओरफिश को लेकर दुनिया भर में कई लोक कथाएं प्रचलित हैं. जापान समेत कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में इसे प्राकृतिक आपदा का संकेत माना जाता है. कहा जाता है कि जब यह मछली समुद्र की सतह पर आती है,तो उसके बाद भूकंप या सुनामी जैसे बड़े हादसे हो सकते हैं. 2011 की जापानी सुनामी से पहले भी ओरफिश देखे जाने की बात कही गई थी,जिससे यह धारणा और मजबूत हो गई.
वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
हालांकि वैज्ञानिक इन बातों को पूरी तरह खारिज करते हैं. मरीन बायोलॉजिस्ट्स के अनुसार ओरफिश के सतह पर आने की कई प्राकृतिक वजहें हो सकती हैं. जिसमें मछली बीमार या घायल हो सकती है. वह समुद्र के तेज बहाव या धाराओं में बहकर रास्ता भटक गई हो या फिर वह अपने जीवन के अंतिम चरण में हो सकती है.
Indian National Centre for Ocean Information Services (INCOIS) के वैज्ञानिक डॉ. एन. राघवेन्द्र ने स्पष्ट किया कि अब तक ओरफिश के दिखने और भूकंप के बीच कोई वैज्ञानिक संबंध नहीं पाया गया है. वहीं 2019 में हुए एक अध्ययन में भी प्रशांत महासागर में ओरफिश की उपस्थिति और भूकंपों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं मिला.
क्या है असली संदेश?
विशेषज्ञों का मानना है कि ओरफिश का दिखाई देना किसी ‘मनहूस संकेत’ की बजाय समुद्र की विशाल और रहस्यमयी दुनिया की एक झलक है. यह दुर्लभ प्रजाति सामान्यतः समुद्र की 200 से 1000 मीटर गहराई में पाई जाती है और सतह पर आना बहुत ही असामान्य होता है. ऐसे में तमिलनाडु तट पर ओरफिश का दिखना निश्चित रूप से एक अद्भुत और दुर्लभ घटना है, लेकिन इसे प्रलय का संकेत मानना मिथक और अंधविश्वास है.
The rarely seen oarfish, which usually are in deep-sea, which is also known as 'Doomsday' fish is caught in the net in TamilNadu pic.twitter.com/8N4TTNyDec
— Aryan (@chinchat09) June 16, 2025