Ghaziabad News : गाजियाबाद नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स और एक समान संपत्तियों के लिए अलग-अलग कर निर्धारण के मुद्दे पर पार्षदों ने जमकर विरोध जताया है। गुरुवार को निगम के 76 पार्षदों ने महापौर सुनीता दयाल से मुलाकात की और गृहकर वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। पार्षदों ने इस मुद्दे पर बोर्ड की बैठक बुलाकर बढ़े हुए गृहकर को समाप्त करने की मांग की। महापौर ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि जल्द ही बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी और इस मामले की गहन जांच की जाएगी।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर निगम के कर विभाग द्वारा एक समान संपत्तियों के लिए अलग-अलग गृहकर बिल जारी किए जा रहे हैं, जो मनमानी का स्पष्ट प्रमाण है। महापौर सुनीता दयाल ने बताया कि नवयुग मार्केट में 145 संपत्तियों के गृहकर बिलों में भिन्नता पाई गई है। एक ही आकार के प्लॉट और समान फ्लोर वाली संपत्तियों के लिए अलग-अलग दरों पर बिल जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति कर विभाग की लापरवाही और मनमाने रवैये को दर्शाती है। महापौर ने आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पार्षदों ने दी चेतावनी
पार्षद नीरज गोयल ने बताया कि गृहकर वृद्धि के खिलाफ सभी पार्षदों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज किया है। उन्होंने महापौर को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि 7 मार्च 2025 को नगर निगम की सदन बैठक में गृहकर की नई दरों का प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था। इसके बावजूद, निगम के कार्यवृत्त में इसे सर्वसम्मति से पास दिखाया गया, जो पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। पार्षदों ने इस गलत कार्यवृत्त को सुधारने और गृहकर वृद्धि को रद्द करने के लिए तत्काल बोर्ड बैठक बुलाने की मांग की। पार्षदों का कहना है कि गृहकर वृद्धि से जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ रहा है। कई इलाकों में गृहकर 3 से 5 गुना तक बढ़ गया है, जिसके खिलाफ जनता में भारी आक्रोश है। पार्षदों ने चेतावनी दी कि यदि यह वृद्धि वापस नहीं ली गई, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
महापौर करेंगी चर्चा
महापौर सुनीता दयाल ने पार्षदों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता पर रखेंगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही बोर्ड की बैठक बुलाकर हाउस टैक्स वृद्धि और मनमाने दर निर्धारण के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, उन्होंने कर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गृहकर बिलों में गड़बड़ी की जांच तत्काल शुरू की जाए। महापौर ने यह भी कहा कि वह इस मामले को शासन स्तर पर उठाएंगी ताकि जनता को राहत मिल सके।