Sikkim : सिक्किम (Sikkim) के मंगन जिले में प्राकृतिक आपदा का कहर जारी है। छातेन स्थित एक सैना के शिविर में हुए भूस्खलन में तीन जवानों की जान चली गई है, जबकि छह अभी भी लापता हैं। भारतीय सेना (Indian Army) ने तत्काल राहत और बचाव अभियान शुरू किया है। लापता जवानों की तलाश में जुटी सेना की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। हालांकि, खराब मौसम और बेकार स्थिति के कारण बचाव कार्य में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने आने वाले दिनों में भी भारी वर्षा की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।

इन जवानों की गई जान
जानकारी के मुताबिक, इस दुखद घटना में शहीद होने वाले जवानों में हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनिश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा शामिल हैं। इस बीच, मंगन जिले के जिला अधिकारी अनंत जैन ने राहत की खबर देते हुए बताया कि लाचुंग में 30 मई से फंसे हुए 1000 से अधिक पर्यटकों को सोमवार को सुरक्षित निकाल लिया गया है। यह बचाव अभियान भारतीय सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमों द्वारा संचालित किया गया। वर्तमान स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सिक्किम सरकार ने मंगन जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण तीस्ता नदी में जल स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

भूस्खलन से सड़कें टूटी, घर बह गए
मंगन के पुलिस अधीक्षक सोनम डेचु भूटिया ने स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि कई जगहों पर भूस्खलन के कारण मुख्य सड़कें टूटकर गिर गई हैं। इस कारण पर्यटकों को अपने होटलों में रुकने की सलाह दी गई है। बचाव अभियान में पुलिस, वन विभाग के कर्मचारी और लाचुंग होटल एसोसिएशन मिलकर काम कर रहे हैं। पूर्व में सिक्किम में आई बाढ़ में 32 लोगों की जान जा चुकी है। दूसरी तरफ, मणिपुर में भी प्राकृतिक आपदा का कहर जारी है। पिछले चार दिनों से जारी मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण 3,365 घर नष्ट हो गए हैं। प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार ने 31 राहत शिविर स्थापित किए हैं।