New Delhi : भारतीय सेना द्वारा पहलगाम अटैक के बाद किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बार फिर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह( Rajnath Singh) ने गुरुवार को कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के उकसावे का शक्तिशाली लेकिन संयमित जवाब दिया है.रक्षा मंत्री ने गुरुवार को कहा कि भारतीय सेना अधिक नुकसान पहुंचाने में सक्षम है,लेकिन सरकार ने दुनिया के सामने अनुशासन और रणनीतिक समन्वय का प्रदर्शन किया.
रक्षा तैयारी को बढ़ाने में मेक इन इंडिया पहल की सराहना
राजधानी में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के दोहरे लक्ष्यों पर जोर दिया तथा भारत की रक्षा तैयारी को बढ़ाने में मेक इन इंडिया (Make in Indiaपहल की भूमिका की सराहना की. सिंह ने कहा आपने देखा कि कैसे हमने पहले आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और फिर दुश्मन के सैन्य ठिकानों और एयरबेसों को नष्ट किया. ‘करने को हम कुछ और भी कर सकते थे,लेकिन हमने दुनिया के सामने शक्ति और संयम के समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया.
ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादियों का सफाया
सिंह ने यह भी कहा कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य प्रतिक्रिया ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) एक मापा हुआ लेकिन निर्णायक हमला था. 7 मई को शुरू किए गए इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप 100 से अधिक आतंकवादियों का सफाया हो गया. पाकिस्तान की जवाबी सीमा पार से गोलाबारी और ड्रोन घुसपैठ के बाद,भारत ने पाकिस्तान के 11 ए इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त होने की सहमति की घोषणा की गई.
आतंकवाद और पीओके पर पाक से होगी बातचीत : राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान से निपटने में भारत का दृष्टिकोण अब मौलिक रूप से बदल गया है. उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को फिर से तैयार और परिभाषित किया है. अब से जब भी बातचीत होगी वह केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के बारे में होगी. पाकिस्तान के साथ किसी अन्य मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि पीओके के लोग हमारे अपने हैं. वे हमारे परिवार का हिस्सा हैं. हमें पूरा विश्वास है कि हमारे भाई, जो आज भौगोलिक और राजनीतिक रूप से हमसे अलग हो गए हैं, एक दिन निश्चित रूप से आत्मसम्मान और अपनी स्वतंत्र इच्छा के साथ भारतीय मुख्यधारा में लौट आएंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि दशकों के अलगाव के बावजूद पीओके और भारत के लोगों के बीच भावनात्मक और सांस्कृतिक बंधन मजबूत बना हुआ है.केवल मुट्ठी भर लोग ही गुमराह हुए हैं. भारत ने हमेशा दिलों को जोड़ने में विश्वास किया है…वह दिन दूर नहीं जब हमारा अपना पीओके वापस आएगा और घोषणा करेगा, मैं भारतीय हूं और मैं वापस आया हूं.